पॉल्यूशन के चलते बच्चों में बढ़ी सांस की समस्या, आने वाले दिनों में और बिगड़ सकते हैं हालात, AQI पहुंच सकता है 400 पार
Pollution in Delhi-NCR: प्रदूषण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों में फिलहाल वायु प्रदूषण से कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है. अधिकारियों ने चिंता जताई है कि एक्यूआई 400 के पार पहुंच सकता है.
Pollution in Delhi-NCR: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के चलते लोगों को सेहत से जुड़ी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा छोटे बच्चों को परेशानी हो रही है. प्रशासन चाहे लाख कोशिशों के दावे कर ले, लेकिन हवा की गुणवत्ता में कोई सुधार फिलहाल नहीं दिख रहा है. आज सुबह से ही नोएडा-ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में धुंध की चादर देखने को मिली.
आने वाले दिनों में प्रदूषण पहुंचेगा 400 पार
प्रदूषण विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों में फिलहाल वायु प्रदूषण से कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है. अधिकारियों ने चिंता जताई है कि एक्यूआई 400 के पार पहुंच सकता है. उनका कहना है कि महज एक हफ्ते पहले नोएडा और ग्रेटर नोएडा की आबोहवा काफी बेहतर थी. ग्रेटर नोएडा का AQI येलो और नोएडा का AQI ग्रीन जोन में था. लेकिन बीते कुछ दिनों में दोनों शहरों में वायु प्रदूषण खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है.
बच्चों में बढ़ी सांस की परेशानी, चाइल्ड पीजीआई में बढ़े केस
ग्रैप लागू होने के बावजूद भी नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बढ़ते एक्यूआई के आंकड़े पर लगाम नहीं लग पा रही है. नोएडा में सुबह से दोपहर तक धुंध छाई रहती है. ऐसे में लोगों सांस लेने की दिक्कत हो रही है. इससे सबसे ज्यादा 1 से 3 साल तक की उम्र के बच्चे परेशान हैं और नोएडा के चाइल्ड पीजीआई में पहुंच रहे हैं. चाइल्ड पीजीआई के डॉक्टरों के मुताबिक बीते एक हफ्ते में ही सांस संबंधी बीमारी से परेशान होकर अस्पताल पहुंचने वाले बच्चों की संख्या 50 प्रतिशत तक बढ़ गई है. डॉक्टरों का कहना है कि अभी स्थिति और भी बदतर होने वाली है. ऐसे में बच्चों और बुजुर्गों को काफी ज्यादा एहतियात बरतना होगा. उन्हें बेवजह घर से भी बाहर निकलने से परहेज करना होगा.
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बता दें कि ग्रेटर नोएडा में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी GRAP के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. सड़कों पर धूल उड़ रही है. जगह-जगह कूड़ा भी जलाया जा रहा है. लेकिन जिम्मेदार लोग रोकथाम के उपाय नहीं कर रहे हैं. उधर, नोएडा प्राधिकरण ने प्रदूषण से बचाव के लिए अलग-अलग प्रोजेक्ट साइट पर कई एंटी स्मॉग गन लगाया है. प्राधिकरण के मुताबिक वॉटर स्प्रिंकलर मशीनों से पानी का छिड़काव किया जा रहा है. इसके अलावा रोजाना औसतन 20 किलो धूल सड़क से हटाई जा रही है. वहीं 12 मैकेनिक स्विपिंग मशीनों से रोजाना 340 किलोमीटर सड़कों की सफाई हो रही है.
01:24 PM IST